305 भाग
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प्यारी ने स्वप्नविष्ट की तरह कहा, “नहीं।” “नहीं कैसे? इस तरह चले जाने का अर्थ क्या होगा, सो जानती हो?” “जानती हूँ- सब जानती हूँ। परन्तु ये लोग तुम्हारे अभिभावक या ...